Tuesday, August 28, 2018

Dil Ko Nazron Se Pilado

दिल को नज़रों से पिला दो तो बहल जायेंगे,
लगे ठोकर तो वह गिर गिर के संभल जायेगा ||

मेरे महबूब जो तू बेनकाब आ जाये,
रंग मेहरबान दो घड़ी में बदल जायेगा ||

इस तरह ज़ुल्फ़ को बिखरा के चमन में न फिरो,
सपेरा बीन को लेकर के निकल आयेगा ||

मेरे सीने में हैं अंगारे मुहब्बत यारों,
इससे लिपटेगा वह पानी सा पिघल जायेगा ||

मेरे पैमाने से कमज़र्फ जरा दूर रहो,
बर्ना हाथों से मेरा जाम फिसल जायेगा ||

अपनी धड़कन से जबानी को दबाये रखना,
दिले नादां है जो सीने से निकल जायेगा ||

ऐ मेरी जाने "पदम्" यूं न सितम बरसाओ,
दिल है दीबाना अदाओं पे मचल जायेगा ||

-: इति :-


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