एम.पी की बड़ी प्यारी राजधानी लागे - 2 मस्तानी लागे - 2
माणों मीठा मीठा बड़े तला का पानी लागे,
बड़ा मीठा मीठा बड़े तला का पानी लागे
बीच तला में फब्बारों की उड़त है रोज फुहार,
रंग बिरंगी देख रौशनी ख़ुशी होय नर नार,
वी. आई. पी से ऐरोड्रम आसानी लागे - 2 || माणों ||
छोटे तला में कमला पति का महल बना है ख़ास,
कमला पारक बहुत पुराना बना महल के पास,
जामें चंपा चमेली रात रानी लागे - 2 || माणों ||
वन विहार में जीव जंतु की फैली है जागीर,
सैर सपाटे से बड़े तला की बदल गई तस्बीर,
भदभदे के चारों ओर ऋतू सुहानी लागे - 2 || माणों ||
राजा भोजपाल से इसका नाम पड़ा भोपाल,
मूरत भोजपाल की रखदी शहर हुआ खुशहाल,
शिवराज के शासन की कदरदानी लागे - 2 || माणों ||
जल प्रदाय में कमी पड़ी तो मच गयी हा हा कार,
बड़े कठिन प्रयास किये थे तब लाये कोलार,
अब तो घर घर नर्मदा की अगवानी लागे - 2 || माणों ||
कमला पारक रोड़ पे हर दम रहती भीड़म भाड़,
तला किनारे भोज सेतु का अजब किया निर्माण,
यह तो शहर का विकास बड़ा तूफानी लागे - 2 || माणों ||
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई "पदम्" है रहते साथ,
देत त्योहारों पे बधाई और मुबारिक बाद,
यह तो परंपरा भोपाल की पुरानी लागे - 2 || माणों ||
-: इति :-