Monday, November 26, 2018

Jalao Re Jyoti

------ तर्ज:- चलाओ न नैनों से बाण रे -----

जलाओ रे ज्योति, करो ध्यान रे 
माँ के चरणों में आन रे
कहीं निकल न जाये, कहीं निकल न जाये
ऐसा मौका महान रे |
शामिल भी हो, शामिल भी हो
हमरा भक्तों में नाम रे || जलाओ ||

ऊंचे पहाड़ों पे बैठी है माँ
मुंह माँगा बरदान देती है माँ
निर्बल को बलबान करती है माँ
निर्धन को धनबान करती है माँ || कहीं ||

मैया की सेवा में पंडा खड़े
ऊंचे शिखर लाल झंडा चढ़े
संजा सकारे करें आरती
मैया भी भव सिंध से तारती || कहीं ||

कैसे करूं पूजा और साधना
जानूं नहीं माँ की आराधना
मैया के द्वारे जो भी सबाली गया
अब तक कोई भी न खाली गया  || कहीं ||

मैया के द्वार पे आये हैं हम, पूड़ी और हलुवा चाड़ायेंगे हम |
लाल लाल चूनर उड़ायेंगे हम, "पदम्" माँ के गुणगान गायेंगे हम ||

-: इति :- 


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Sunday, November 25, 2018

Baithi Singh Pe Savaar

------ तर्ज :- माहरे रस के भरो री राधा रानी ------

बैठी सिंह पे सबार माँ भवानी लागे, महारानी लागे,
माहणे ठंडा ठंडा बाण गंगा का पानी लागे ।।

ऊंचे ऊंचे परबत पर है, मैया के दरबार,
गुफा में बैठी वैष्णों माता, भरती है भंडार,
बैठी खोल के भंडारे महादानी लागे ।। महारानी ।।

पंडा बाबा करे आरती रोज सुबह और शाम,
नर नारी सब दर्शन करने, आयें तुम्हारे धाम,
लाल धुजा है शिखर पे, सुहानी लागे ।। महारानी ।।

पाप हरण करने को माँ ने, लिया काली अवतार,
खड़क त्रसूल से किया धरा पर असुरों का संहार,
मुण्ड माला है गले में, माँ शिवानी लागे ।। महारानी ।।

मैया के जयकारे गूंजे नौ दिन और नौ रात,
"पदम" पड़ा चरणों में मैया, सर पे रख दो हाथ,
सदा भक्तों पे मैया की मैहरबानी लागे ।। महारानी ।।

-: इति :-


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Cheend Ko Dada Albela

छींद को दादा अलबेला,
लगे मंगल को मेला ।।


कोई कहे बजरंगी आला,
कोई कहे अंजनी के लाला
राम को भगत अकेला ।। लगे ।।


रावण पूंछ में आग लगाई,
तुमने उसकी लंका जलाई,
खेल अजब तुमने खेला ।। लगे ।।


सीता राम लखन मन लाई,
तुमने छाती फाड़ दिखाई,
कौन गुरु, कौन चेला ।। लगे ।।


छींद गांव की महिमा न्यारी,
मेला भरत दशहरा पे भारी,
भक्तों की रेलम रेला ।। लगे ।।


बजरंग के गुण गाओ प्राणी,
"पदम" यूं कह गये ज्ञानी ध्यानी,
जग है झूठा झमेला ।। लगे ।।


-: इति :-


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Gardan me Dale he mundo ke har

------ तर्ज :- बड़ी मस्तानी है मेरी महबूबा ------
फिल्म :-----जीने की राह ----------
गर्दन में डाले है मुंडों के हार,
चली आ रही है सिंह पे सबार
बड़ी शान बाली है माता जगदम्बे
तू ही अम्बे काली है माता जगदम्बे ।।

वह है काली ऐसी माया उसकी जहां से निराली
माता तेरे दर से खाली जाये न कोई सबाली
असुरों को मारा है वह ही खप्पर बाली है ।। माता ।।

जय हो दुर्गे माता तुमको कहते हैं माता भवानी
सांचा है दुआरा जग में उनका नहीं कोई शानी
जग से वह न्यारी है वह कलकत्ते बाली है ।। माता ।।
आपने जहां में शान दुष्टों की आकर घटाई
आपने सभा में लाज हर दम "पदम" की बचाई
देवी ने गर्दन में मुण्डमाला डाली है ।। माता ।।

-: इति :-




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Tu Meri Mata Beta Mai Tera

----- तर्ज :- मैं तेरी दुश्मन, दुश्मन तू मेरा -----
----- फ़िल्म :- नगीना -----

तू मेरी माता बेटा मैं तेरा, तू ज्योति मैं अंधेरा -2
आ जाओ माँ अब न करियो देर - लगाई टेर ।।

क्या लाया हूँ, क्या ले जाऊं, द्वार पे तेरे बलि बलि जाऊं,
करलूं पूजा, करलूं भक्ति, ऐसी मुझमें कहाँ है शक्ति,
मैंने तो डाला चरणों में डेरा ।। तू ज्योति ।।

निर्मल मन हे कोमल काया मुश्किल से यह नर तन पाया
क्या क्या बादें करके आया मूरख तूने जन्म गंवाया
यह दुनिया तो है रैन बसेरा ।। तू ज्योति ।।

माँ की महिमा सबसे न्यारी करती है वह शेर सवारी,
शेरा बाली ज्योता बाली, भक्तों की करती रखबाली,
भक्तों ने गाया गुणगान तेरा ।। तू ज्योति ।।

माँ दुर्गे की माला जपले, माँ की चौखट पर सर रखले,
अगर जो माँ की आंख खुलेगी "पदम" की झोली भरी मिलेगी,
ऐसा मिलेगा न मौका सुनहरा ।। तू ज्योति ।।

-: इति :-


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Dam Dam Shivalay Me

------ तर्ज :- पल पल न माने टिंकू जिया ------
फिल्म :-------यमला पगला दीवाना --------
डम डम शिवालय में डमरू बजे,
बैठे जहां शंकर भबूती मले ।।

भर भर चिलम में शिव गांजा पिये हैं,
भर भर के लोटे से भंगिया पिये हैं ,
बल खाये विषधर जिनके गले ।। बैठे ।।

करते हैं भोले बाबा नंदी सबारी,
तीनों लोकों के स्वामी त्रपुण्ड धारी,
भोले को भजने से विपता टले ।। बैठे ।।

शीश चंद्रमा करे उजियाला,
तन पे लपेटे हैं मृग की छाला,
"पदम" है जिनके चरणों तले ।। बैठे ।।

-: इति :-


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Saturday, November 24, 2018

Maa Gaura Aur Shiv Ko Naman

माँ गौरा और शिव को नमन बार बार है ।।
नंदी पे चले आओ तेरा इंतजार है ।।

त्रिलोक के देवों में महादेव कहाते,
दानी है महादानी है बरदान लुटाते
तेरी दया हो जिसपे उसका बेड़ा पार है ।। नंदी ।।

कैलाश पे मिलेंगे हिमालय पे मिलेंगे,
दर्शन मेरे भोले के शिवालय में मिलेंगे,
साकार निराकार तू ही ओमकार है ।। नंदी ।।

गौरा ने भंग घोंट के भोले को पिला दी,
मरघट में जाके भोले ने धूनी को लगा ली,
भूतों ने चुड़ैलों ने करी जय जय कार है ।। नंदी ।।

जीवन में क्या करोगे इस दौलत के ढेर का,
चरणों में शिव के पाया खजाना कुबेर का,
ॐ नमः शिवाय जपो यही सार है ।। नंदी ।।


कालों में महाकाल तेरा नाम बड़ा है,
झोली "पदम" की भरदो यह चरणों में पड़ा है,
तेरे बिना अब कौन मेरा मददगार है ।। नंदी ।।

-: इति :-


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Kori chunar rang Leeni re, sadhu santo me jay ke

----- तर्ज :- छाप तिलक सब छीनी तोसे नैना मिलायके -----
फिल्म :-----में तुल्सी तेरे आंगन की -------
,
कोरी चूनर रंग लीनि रे ,साधु संतों में जाय के ।
राम के रंग रंग लीनी रे ,साधु संतों में जाय के ।
राम कृपा जब कीनी रे,साधु संतों में जाय के ।।

  यह चुनरी मोह माया में फंस गई,
काम क्रोध कांटों में उलझ गई,
तार तार कर दीनी रे ।।साधु ।।

   राम भजन का नशा अजब है,
ऐसा नशा चढ़े तो गजब है,
    ऐंसी सुरा हमें पीनी रे ।। साधु।।

       राम नाम लिख दिया शिला पर
हनुमान गए लांघ समुंदर
            सीता की सुधि लीनी रे ।। साधु ।।

   मैं अज्ञान हूँ निपट अनाड़ी,
राम भरोसे छोड़ दी गाड़ी,
             बात "पदम" कह दीनी रे ।। साधु ।।

-: इति :-


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Kismat Me Jo Likha Hai

------ तर्ज :- एक बेवफा का प्यार लिफाफे में बंद है ------

।। दोहा ।।

माँ गौरा के ललन को नमन बार बार है,
मूषे पे चले आओ तेरा इंतज़ार है

।। भजन ।।

किस्मत में जो लिखा है लिफाफे में बंद है,
गणपत की जो रजा है वह हमको पसंद है ।। किस्मत ।।

सर गज का लगाया था शिव ने गणेश को,
तब से गणेशजी का नाम गजानंद है ।। किस्मत ।।

जीवन में सबको खुशियां बराबर नहीं मिलती,
है कोई गमज़दा तो कोई दर्दे मंद है ।। किस्मत ।।

दर्शन दिखाने गणपति आते हैं हर बरष,
बस इसलिए भक्तों का होषला बुलंद है ।। किस्मत ।।

जो कुछ "पदम" ने लिख दिया मन की आवाज है,
न गीत है गजल है भजन है न छन्द है ।। किस्मत ।।

-: इति :-


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Wednesday, November 14, 2018

Shabri bichari he,prem ki mari he

तर्ज:- अब न छिपाऊँगा सबको बताऊंगा
          तुझको कसम से मैं अपना बनाऊंगा
  फ़िल्म:-,मेरा दिल तेरा आशिक़

 -----।। भजन ।। -----
शबरी बिचारी है, प्रेम की मारी है,
          स्वागत में रघुबर के , सुद बुद्ध बिसारी है,
    लक्ष्मण राजा राम मेरे घर में पधारे ।।

(1)कबसे आस लगाई है,नैनन ज्योत जलाई है,
      रघुनन्दन ने दरश दिए,मन की प्यास बुझाई है
 अब न कोई आशा है,न कोई अभिलाषा है
मेरी कुटिया के बड़े भाग सुहाने हैं, आज प्रभु को मीठे भोग लगाने हैं,
थोड़ा करो विश्राम ।। मेरे घर में पधारे ।।

(2)चख चख मीठे बेर लिए,खट्टे खट्टे फेक दिए,
झूठे मीठे बेर प्रभु,बड़े प्रेम से ग्रहण किये
लक्ष्मण मन सकुचाये,झूठे बेर न खाये
शबरी के आंगन में ,खुशियों का डेरा है,कल तक अंधेरा था अब तो सबेरा है,
कैसे रखूं दिल थाम ।। मेरे घर में पधारे।।

(3)मुश्किल से नरतन पाया,माया में मन भरमाया
सब मतलब के साथी है,कोई काम नही आया
एक जतन करना है,भवसागर तरना है
, "पदम" ने माना है,दो दिन ठिकाना है
रघुवर के चरणों मे,गुणगान गाना है
बिगड़े बनेंगे सब काम ।। मेरे घर में पधारे ।।

-: इति :-




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Tuesday, November 13, 2018

Madiya Pe Ude Re Nishan

------ तर्ज:- हुरिया में उड़े रे गुलाल ------

मड़िया पे उड़े रे निशान,
भुवन बड़ा सोणा लंगदा ।।

ज्योत बाली माता अम्बे, शेर पे बैठी माँ जगदम्बे,
सब का करे कल्याण ।। भुवन ।।

तू ही दुर्गा, तू ही काली, लाल चुनरिया गोटा बाली,
महिमा बड़ी महान ।। भुवन ।।

नौ दिन माँ की ज्योत जालाई, श्रद्धा भाव से भेंट चढ़ाई,
रहा चरणों विच ध्यान ।। भुवन ।।

दाती जब देने पे आये, झोली भी छोटी पड़ जाए,
"पदम" करे गुणगान ।। भुवन ।।

-: इति :-


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Laal Laal Chunari

------ तर्ज:- लाल लाल कुर्ती पे गौरा से बदन -----

लाल लाल चुनरी में मैया को नमन -2
आये तेरे द्वार मैया दे दो दर्शन,
माया के भँवर विच फँस गए हम,
मैया के पहाड़ जाके चढ़ गए हम ।। लाल लाल ।।

पल में फकीरों को अमीर बना देती हो,
पल में अमीरों को फकीर बना देती हो,
तेरी ही रजा में खुश रहे हर दम,
मैया के पहाड़ जाके चढ़ गए हम ।। लाल लाल ।।

अम्बे काली दुर्गे माँ की शेर पे सबारी है,
पाप का सर धड़ से उड़ाने की  तैयारी है,
मैया लेकेअवतार आएगी "पदम",
मैया के पहाड़ जाके चढ़ गए हम ।। लाल लाल ।।

-: इति :-


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Bajrang Ka Dhaam Albela

------ तर्ज :- ऐसी दुपरिया न जाऊं रे डोली ------

बजरंग का धाम अलबेला, लगे भक्ति का मेला,
राम नाम अलबेला, यह है मुक्ति का मेला ।।

कोई कहे बजरंगी आला, कोई कहे अंजनी लाला,
राम को भगत अकेला ।।

सीता राम लखन मन लाई, तुमने छाती फाड़ दिखाई,
खेल अजब तुमने खेला ।।

रावण पूंछ में आग लगाई, तुमने उसकी लंका जलाई,
नहले पे पड़ गया दहला ।।

हनुमत के गुण गाओ प्राणी, "पदम" यही सन्तों की बाणी,
जग है झूठा झमेला ।।

-: इति:-


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Shyam Bade Chalbaliya

श्याम बड़े छलबलिया में कैसी करूं,
बैरन हो गयी मुरलिया में कैसी करूं ।।

क्यों ज़ुल्मी संग प्रीत लगाई,
पकरन चाही में पकर न पाई,
दे गये छील विलैंया ।।

प्रीत लगाके नाता जोड़ा,
चूड़ी तोड़ी, कंगन तोड़ा,
तोड़ी नरम कलैया ।।

इस छलिया की कोन निशानी,
दुनिया जिसकी प्रेम दीवानी,
इनमें एकऊ नैंया ।।

राधे मौहन की जोड़ी आला,
"पदम" वो ही सबका रखवाला,
दुनिया भूल भुलैंया ।।

-: इति :-



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Saturday, November 10, 2018

Lagao Na Der Hanuman Re

लगाओ न देर हनुमान रे, बूटी लाना पहचान रे,
कहीं निकल न जाये - 2, मेरे लक्ष्मण के प्राण रे,
घायल हुए -2, लगे शक्ति के बाण रे ।। लगाओ ।।

द्रोणागिरी पर्बत पे जाऊंगा में,
बूटी संजीवन को लाऊंगा में,
श्री राम रोते बिलखते रहे,
रो रो कर हनुमत से कहते रहे ।। कहीं निकल ।।

जैसे ही पर्बत पे पहुंचे बलि,
चहुँ और बूटी चमकती मिली,
पर्बत उठाकर बलि चल दिये,
धरा पर गिरे तब भरत मिल गए,
भरत ने कहा सखा जल्दी करो,
लखन लाल की जाए विपता हरो ।। कहीं निकल ।।

मांगी बिदा फिर पवन सूत चले,
सभी राम दल में थे व्याकुल बड़े,
जो लाके दी बूटी अचरज हुआ,
"पदम" राम के मन को धीरज हुआ ।।

-: इति :-


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Shree Vishwakarma Bhagwan Kiya Hai Jan Kalyan

तर्ज:- मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना न करियो श्रृंगार , नज़र तोहे लग जायेगी -----
दोहा:- यह मशीनें न होती,यह फरमा न होते
अगर विश्व में विश्वकर्मा न होते
//गीत//
श्री विश्वकर्मा भगवान 
किया है जनजन का  कल्याण
तुम्हारी जय जय हो ।। देवा रे ।।

काष्ट कला के तुम निर्माता,
लोह युग के तुम भाग्य विधाता,
दिया भुवन विधि का ज्ञान ।। किया है ।।

भांति भांति औजार बनाये,
हर तकनीक धरा पर लाये,
किया मुश्किल को आसान ।। किया है ।।

तरह तरह की मशीन बनाई,
मानव का जीवन सुखदाई
दिये कृषि के सामान ।। किया है ।।
देवा तुम हो बड़े महान ।।किया है।।

मन मंदिर में तुम्हें बिठाऊं 
गीतों की माला पहनाऊं
यह "पदम" करे गुणगान ।। किया है ।।

-: इति :- 



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Sone Ki Lanka Jalaay Dayi Re

----- तर्ज:- ऐसी दुपरिया न जाऊं रे ----

 सोने की लंका जलाय दई रे,
बीर बजरंगबली ने ||
रावण की लुटिया डूबाये दई रे,
बीर बजरंगबली ने ||

राम नाम द्वारे पे लिखा है,
मात सिया का पता मिला है,
विभीषण की कुटिया बचाय दई || बीर ||

शक्ति बाण लगे लक्ष्मण को,
रघुवर चैन पड़े नहीं मन को,
बूटी संजीवन को लाय दई रे || बीर ||

एक लाख पूत, सवा लख नाती,
कौन जलाय अब दीपक बाती,
"पदम्" की बिगड़ी बनाय दई || बीर ||

-: इति :-


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Saturday, November 3, 2018

Shiv Japo Sundaram

शिव जपो सुन्दरम, शिव भजो सुन्दरम
सुन्दरम है शिवम्, है शिवम् सुन्दरम ||

शिव है काशी पुरम, शिव है रामेश्वरम,
शिव है त्रयम्बकं, शिव है नागेश्वरम ,
शिव अमावश पूनम, शिव करे मंगलम || सुन्दरम ||

शिव है धरती गगन, शिव है गंगा जमन,
शिव है पूजन भजन, शिव है गीता वचन,
शिव का हो वन्दनं, शिव का हो स्वागतम || सुन्दरम ||

शिव है जीवन मरण, शिव है अन्तः करण,
शिव है तारण तरण, शिव है चिंता हरण,
शिव है रहमोकरम, शिव दया और धरम || सुन्दरम ||

शिव ही दिगपाल है, शिव ही बेताल है,
शिव है कलिकाल है, शिव महाकाल हे ,
शिव है नारायणम, शिव हो पूरण ब्रह्म || सुन्दरम ||

शिव ही घनश्याम है, शिव ही बलराम है,
शिव परसराम है, शिव श्री राम है,
शिव शरण में "पदम्" रहूँ जन्मो जनम || सुन्दरम ||

-: इति :- 



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Thursday, November 1, 2018

Dina Raina Japo Re

----- तर्ज:- तेरे नैना बड़े दगाबाज रे -----

दिन रैना जपो रे
जिंदगी में लगे है बहुत काम रे || दिना ||

दो दिन बचपन है, दो दिन जबानी है, इसी पर तू इतरायेगा
माया भी रूठेगी, काया भी छूटेगी, जिस दिन बुढ़ापा आयेगा
आज आया नहीं तो काल आयेगा,
मौत का नाम सुनकर तू घबराएगा || जिंदगी ||

दिन का मेला है, झूठा झमेला है, तू न समझ पायेगा
दिन का सपना है, कोई न अपना है "पदम्" अकेला जायेगा
साधू संतों की बाणी का मान रखले,
राम सीता के चरणों का ध्यान करले || जिंदगी ||

-: इति :- 


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Sombaare Ki Maiya

----- तर्ज : - पारबती तारो सैयां री, में देख आईं गुइयाँ  ||हाँ || -----

काली घाट की मैया री, में देख आईं गुइयाँ || हाँ ||

मंदिर बनो है तला किनारे,
तला में ठंडी उड़त फुहारे,
बहुतई ऊँचो शिखर बनो है,
शिखर पे लालई झंडा लगो है,
बैठे हैं जाप करैया री || में देख आईं गुइयाँ || हाँ ||

टी. टी. नगर को माता मंदिर,
बहुत पुरानो बहुत ही सुन्दर,
माता मंदिर की मैया री || में देख आईं गुइयाँ || हाँ ||

सड़क किनारे मंदिर बनो है,
टी. वी फ्रिज को बजार घनो है,
हमीदिया रोड की मैया री || में देख आईं गुइयाँ || हाँ ||

शीतला माँ को मंदिर सुहानो,
बगल में बनो है पुलिस को थानो,
टीले की कैला मैया री || में देख आईं गुइयाँ || हाँ ||

सोम्बारे की मैया री, में देख आई गुइयाँ || हाँ ||
कर्फ्यू बाली मैया री, में देख आई गुइयाँ || हाँ ||

पीर गेट के द्वार गिरा दयो,
सोमबारा फिर नाम धरा दयो
बब्बर शेर की करके सबारी,
दुर्गा देती आन पधारी

दुर्गा दैवी से लेने पंगा,
आये बिरोधी हो गया दंगा,
पुलिस कलेक्टर मिनिस्टर आ गए,
सोम्बारे में कर्फ्यू लगा गए
खूब भयो थो धमैयारी || में देख आई गुइयाँ || हाँ ||

मैया ने जब आँखें खोली,
पीर गेट की धरती डोली,
सारे झगड़े खतम हो गए,
दुश्मन भी फिर नरम हो गए,
मंदिर का निर्माण हुआ है,
कर्फ्यू बाली मात कहानी,
अमर रहेगी "पदम्" कहानी,
पार करे सबकी नैया री || में देख आई गुइयाँ || हाँ ||

श्रावण के सोमबार को भारी
मेला पहुंचे नर नारी,
न्योरी की पारबती मैया री || मैं देख आई गुइयाँ || हाँ ||

मिर्ची धनिया थोक विकत है,
उतई पे डिस्पोजल भी मिलत है,
आजाद मार्केट की मैया री || मै देख आई गुइयाँ || हाँ ||

सबसे पुरानी सबसे बढ़िया,
जवाहर चौक की माता माड़िया,
जनकपुरी की मैया री || मैं देख आई गुइयाँ || हाँ ||

काजी कैम्प सिन्धी कालोनी,
रथ पर बैठी मात भवानी,
"पदम्" पड़े उनके पैयां री || मैं देख आई गुइयाँ || हाँ ||

-: इति :-


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Shree Ram Ka Pehle Sumiran Karo

----- तर्ज:- पल पल न माने -----

श्री राम का पहले सुमरण करो,
नए वर्ष का अभिनन्दन करो ||

तेईस गयी साल चोबीस आई- 2 
आशा उम्मीदों की सौगात लाई- 2 
बीरों, शहीदों का चिंतन करो - 2 || नए ||

दो दिन का बचपन है, दो दिन जबानी - 2
हमको सिखाती है तुलसी की बानी -2
साधु और संतों को वंदन करो-2 || नए ||

सतकर्म से दूर होगा अँधेरा - 2
जग में नहीं कोई तेरा न मेरा - 2
दया धर्म की ज्योत रोशन करो - 2 || नए ||

सोमवार को यह नया वर्ष आया - 2
अखंड भारत का सन्देश लाया - 2
"पदम्"कीर्तन मन समर्पण करो - 2 || नए ||

-: इति :-



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Thursday, October 11, 2018

M.P Ki badi pyari Rajdhani

एमपी की बड़ी प्यारी रजधानी लागे -
 2 मस्तानी लागे - 2
म्हारे मीठो मीठो बड़े तला को पानी लागे,।।
म्हारे मीठू मीठू बड़े तला को पानी लागे ।।
(1)

 बीच तला में फब्बरों की उड़त है रोज फुहार,
रंग बिरंगी देख रौशनी ख़ुशी होय नर नार,
वी. आई. पी से ऐरोड्रम ,आसानी से लागे - 2 || म्हारे मीठू मीठू बड़े तला को पानी लागे |
(2)
छोटे तला में कमला पति का महल बना है खास
कमला पार्क बहुत पुराना बना महल के पास,
जा में चंपा चमेली रात रानी लागे - 2 || 
म्हारे मीठो मिठो बड़े तला को पानी लगे||
(3)
वन विहार में जीव जंतु की फेली है जागीर,
सैर सपाटे से बडे ताल की बदल गई तस्बीर,
भदभदे के चारों ओर ऋतु सुहानी लागे - 2 || म्हारे मीठो मीठो बड़े तला को पानी लगे||
(4)
राजा भोजपाल से इसका नाम पड़ा भोपाल,
मूरत भोजपाल की रखदी शहर हुआ खुशहाल
शिवराज के शासन की कदरदानी लागे - 2 || 
माहरे मीठो मिठो बड़े तला को पानी लगे||
(5)
जल प्रदाय में कमी हुई तो मच गया हाहा कार,
बड़े कठिन प्रयास किए थे तब लाए कोलार,
अब तो घर घर नर्मदा की अगवानी लागे - 2 || म्हारे मीठा मीठा बड़े तला को पानी लगे||
(6)
कमला पारक रोड पे हर दम रहती भीडम भाड़
ताल किनारे भोज सेतु का अजब किया निर्माण 
यह तो शहर का विकास भी तूफानी लागे - 2 || 
म्हारे मिठू मिठू बड़े तला को पानी लगे||
(7)
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई "पदम्"है रहते साथ,
देते त्योहारों पे बधाई और मुबारक बाद,
यह तो परंपरा भोपाल की पुरानी लागे - 2 || 
म्हारे मिठू मिठू बड़े तला को पानी लगे||

-: इति :-




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Sunday, September 30, 2018

Shiv Ke Pyare Ganesh

----- तर्ज़:-मेरे रशके कँवर तूने पहली नज़र -----

 !!भजन!!

शिव के प्यारे गणेश,काटो बिघ्न क्लेश,
मेरे अंगना पधारो,में तर जाऊंगा।।
एक दया की नज़र,आप करदो इधर,
मेरी बिगड़ी सुधारो, में तर जाऊंगा।।

(१)रिद्धि सिद्धि के दाता कहें आपको,
     ज्ञान बुद्धि बिधाता कहें आपको।
करके मूषे सबारी चले आइये,
मेरा नर तन सबारो में तर जाऊंगा।।

(२)चार मोदक के लड्डू चढ़ाये तुम्हें,
     सारे देवों से पहले मनाएं तुम्हें।
नाम सिमरन करें,शीश चरनन धरें,
पार भव से उतारो,में तर जाऊंगा।।

(३)आपके दर पे जो भी सबाली गया,
   आज तक कोई दर से न खाली गया।
में हूं पापी अधम,है शरण मे "पदम"
गीत मेरे निहारो,में तर जाऊंगा।।

   ।।इति।।


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Maa Ka Dar Choom Kar

 -----तर्ज़:-मेरे रशके कवर,तूने पहली नज़र -----

  !!भजन!!

माँ का दर चूम कर,सारे ग़म भूल कर।
मेने अर्जी लगाई,मज़ा आ गया।।
दर बदर घूम कर,मैया के द्वार पर,
मेने झोली फैलाई,मज़ा आ गया।।

(१)सिंह पर बैठ कर माँ भवानी चली,
     दुष्ट दानव पे माँ की दुधारी चली।
रण में संघार कर,दुष्टों को मार कर,
मुंडमाला बनाई,मज़ा आ गया।।

(२)माँ की कृपा के बादल बरस जाएंगे,
    सबके बिगड़े मुकद्दर सवर  जाएंगे।
बात बन जाएगी,झोली भर जाएगी,
माँ से आशा लगाई,मज़ा आ गया।।

(३)आसरा इस जहां का मिले न मिले,
 माँ के दर पे "पदम" को ठिकाना मिले।
आ गए द्वार माँ, कर दो उपकार माँ,
माँ की महिमा को गाई, मज़ा आ गया।।

  ।।इति।।


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Gaura ne pees kar,ghaut kar

----- तर्ज़:-मेरे रश्के कँवर,तूने पहली नज़र -----

 !!भजन!!

गौरा ने घोंट कर,पीस कर,छान कर,
शिव को भंगिया पिलाई,मज़ा आ गया।।
छोड़ कैलाश को पहुंचे शमशान में,
गांजे की दम लगाई,मज़ा आ गया।।

(१)जब नशा भांग गांजे का चड़ने लगा,
     भोला नचने लगे डमरू बजने लगा।
जल चुकीं थीं चिताएं जो शमशान में,
उनकी भस्मी लगाई,मज़ा आ गया।।

(२)वदी फागुन चतुर्दश तिथि आई है,
शिव से गौरा मिलन की घड़ी आयी है।
शिवजी दूल्हा बने ,गौरा दुल्हन बनी,
शिव ने शादी रचाई,मज़ा आ गया।।

(३)भोला धनवान हैं ना तो कंगाल हैं,
शिव महादेव हैं शिव महाकाल हैं।
शिव के चरणों मे हम,आ गए है"पदम"
राह मुक्ति की पाई, मज़ा आ गया।।

   ।।इति।।


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Chali Modi Leher

----- तर्ज़:-मेरे रशके कवर तूने पहली नज़र -----

!!गीत!!

चली मोदी लहर,हर नगर हर डगर,
BJP रंग लाई,मज़ा आ गया।।
मोदी PM मिले, भगवा झंडे तले,
INDIA मुस्कुराई, मज़ा आ गया।।

(१)टेक्स चोरों ने अपनी तिजोरी भरी,
      मोदी ने देश मे नोट बंदी करी।
फिर जमा काला धन बैंक में आ गया,
ऐसी लाइन लगाई, मज़ा आ गया।।

(२)देश परदेश मोदी ने दोरे किये,
जड़ से आतंक मिटाने के वादे किए।
बहुत से टैक्स लगते थे बाजार में,
एक GST लगाई मज़ा आ गया।।

(३)एक न एक दिन अच्छे दिन आएंगे,
      यह बिरोधी भी मोदी के गुण गाएंगे।
तीन तललाक़ इस्लाम से हट गई,
मोदी सरकार आई ,मज़ा आ गया।।

(४)हर समस्या का एक ही समाधान है,
     हिन्दू राष्ट्र बने सबका अरमान है।
दर्द है बेपनाह,यह "पदम" का बयां,
पीर मन की सुनाई, मज़ा आ गया।।

 ।।इति।।


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Panghat se dodi chali aaungi

------ तर्ज़:-मंदिर से दौड़ी चली आउंगी ------

  !!भजन!!

पनघट से दौड़ी चली आउंगी ,
कान्हा मुरली बजादे।।
मधुवन में रास रचाऊंगी, कान्हा मुरली बजादे।।

(१)श्याम सुंदर से लागे नैना,
     तुम बिन हमको चैन पड़े ना
प्रीत की रीति निभाउंगी, कान्हा मुरली बजादे।।

(२)नंद लला की सांवरी सूरत,
   चंचल चितवन मोहिनी मूरत
माखन मिश्री खिलाऊंगी,कान्हा मुरली बजादे।।

(३)तुमने मुरली मधुर बजाई,
   तन मन की मेने सुध बिसराई,
पीर जिया की दिखाउंगी,कान्हा मुरली बजादे।।

(४)श्याम पिया का मिले जो दर्शन,
    "पदम" ने जीवन कर दिया अर्पण।
मन मन्दिर में बसाउंगी,कान्हा मुरली बजादे।।

     ।।इति।।


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Shiv Ke Bhuvan Chali Aaungi

----- तर्ज़:-मंदिर से दौड़ी चली आउंगी -----

!!  भजन!!

शिव के भुवन चली जाउंगी,कोई रोके या टोके।
शिव की दिवानी बन जाउंगी,कोई रोके या टोके,

(१)पूजा की मेने थाल सजाई,
     गंगा जल लोटा भर लाई।
गंगा से शिव को नहलाऊंगी,कोई रोके या टोके

(२)धोरे अकौआ को फूल चढ़ाऊँ
      भांग धतूरे का भोग लगाऊं।
चंदन को टीका लगाउंगी,कोई रोके या टोके।

(३)पल पल शिव की छवि निहारूँ
      आम की डार पे झूला डारुं।
शिव को झूला झुलाऊंगी,कोई रोके या टोके।

(४)दर्शन की एक झलक दिखादो,
     "पदम" के मन को धीर बंधादो।
शिव जी के गुणगान गाऊँगी, कोई रोके या टोके

        ।।इति।।




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Luv Kush Ji Ke Charano Me

------- तर्ज़:-होठों को छूलो तुम, मेरे गीत --------
फ़िल्म:-प्रेम गीत

!!भजन!!

लवकुश जी के चरणों मे,श्रद्धा से नमन करलो।
आराध्य हमारे है,  पूजन अर्चन करलो ।।

(१)कुशवाहों के वंशज है,रघुकुल के स्वामी है,
सूंदर है युगल जोड़ी, सत के पथ गामी है।
यह समाज फले फूले,इनका सिमरन करलो ।।
लवकुश जी के चरणों में----------

(२)ममता मयी सीता के,आँचल की छाह मिली,
वन में खेला वचपन,भक्ति की ज्योति जली।
श्री राम प्रभु जी की,छवि के दर्शन करलो।
लवकुश जी के चरणों में-----------

(३)श्री वाल्मीकि जी से ,शिक्षा का दान मिला,
शत्रु पे विजय पाना,रण क्षेत्र का ज्ञान मिला।
गुरु वर की कृपा का, मन से चिंतन करलो।।
लवकुश जी के चरणों मे-----------

(४)लवकुश जैसा कोई,न वीर न बलशाली,
जब यज्ञ का अश्व मिला,हुआ युद्व विजय पा ली,
वेदों में लिखी महिमा,जन जन मंथन करलो।।
लवकुश जी के चरणों मे----------

(५)हो जाये सफल जीवन,यह जतन हमारा हो,
गुणगान"पदम"गाये, प्रभु संग तुम्हारा हो।
भव से तर जाएंगे, लवकुश के भजन करलो।।
लवकुश जी के चरणों मे,श्रद्धा से नमन करलो।

    ।।इति।।


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Kanha Jo Mil Gaye

----- तर्ज़:-तुम जो चले गये तो -----
फ़िल्म:-आस पास

 ! !भजन!!

कान्हा जो मिल गए तो,मिल जाये दुनिया सारी।
तुम्हे ह्रदय में बिठालूँ, कहती है राधिका प्यारी।।

(१)मेरे दिल का चैन लूटा,तिरछी नज़र मिलाके,
तन मन की सुधि बिसारी, मुरली मधुर बजाके।
कान्हा नही मिले तो,रहती है बे करारी ,
तुम्हे ह्रदय में बिठालूँ, कहती है राधिका प्यारी।।

(२)पनिया भरन गई थी,मिले राह में मुरारी,
मेरी बैया ऐसी पकड़ी,गागरिया फ़ोड़ डारी
कर दूंगी  में शिकायत,मैया से जा तुम्हारी,
तुम्हे ह्रदय में बिठालूँ, कहती है राधिका प्यारी।।

(३)अनमोल है यह जीवन,नेकी का काम करले,
कहते है "पदम"ज्ञानी,राधे का नाम भजले।
कारी कमरिया ओढ़े,आ जायेंगे बिहारी,
तुम्हे ह्रदय में बिठालूँ, कहती है राधिका प्यारी।।

  ।।इति।।


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Maihar ki har gali me,katra ki

----- तर्ज़:-तुम जो चले गये तो -----

फ़िल्म:-आस पास

 ::भजन::

मैहर की हर गली में,
कटरा की हर गली में।
जयकारा गूंजता है,मैया का हर गली में।।

(१)दर पे गया तो सोचा,जो चाहे मैया दे दे,
बेटा हू में तुम्हारा,आँचल की छैंया दे दे।
फूलों में हर कली में,गुलशन की हर गली में,
जयकारा गूंजता है,मैया का हर गली में।।

(२)नवराते में गया तो,जगराते चल रहे है,
मैया के आँगना में,भंडारे चल रहे है।
सूरज की रोशनी में,चंदा की चांदनी में,
जयकारा गूंजता है,मैया का हर गली में।।

(३)मंदिर गया तो देखा,बैठी है माँ भवानी,
भरती है सबकी झोली,महिमा "पदम" न जानी।
संतो की हर गली में,
भक्तो की हर गली में।
जयकारा गूंजता है ,मैया का हर गली में।।

।।इति।।


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Sunday, September 9, 2018

Ganraja Bade Hain Gyani Re

------ तर्ज:- नज़्म -----

------ || श्री गणेश जन्म || ------

यही जग में अमर है कहानी रे |
गणराजा बड़े हैं ज्ञानी रे ||

पूरी हुई तपस्या, शंकर जी लौट आये
देखा महल के द्वारे, बालक को खड़ा पाये
शंकर ने उससे पूछा, क्या नाम है तुम्हारा
द्वारे पे पहरा देना, क्या काम है तुम्हारा
गौरा से मिलूँगा मैं, उनका मुझे पता दे
क्यों रोकता है मुझको, चल हट जा रास्ता दे

इस वक्त माता मेरी, स्नान कर रही है
अन्दर कोई भी जाए, यह आज्ञा नहीं है
जग जानता है उनको, गौरा है माता मेरी
बेटा हूँ मैं उन्हीं का, वो है विधाता मेरी
यह मुझको आज्ञा है, द्वारे से न हटूंगा
चाहे जान चली जाये, अन्दर न जाने दूंगा

इस बाल हठ पर शिव को, अचरज हुआ है भारी
गौरा बिना पति के, कैसे बनी महतारी
गुस्से में आये शंकर, त्रशूल जो संभाला
एक बार में ही बालक का शीश काट डाला
इतने में ही अचानक , गौरा नहा के आयीं
स्वामी के आगमन पर, गौरा ने दी दुहाई
द्वारे नजर गयी तो, बालक को मरा पाया
गौरा ने कहा शिव से, कैसी है नाथ माया

इतने बड़े महल में, बैचैन अकेली थी
न दास थे न दासी, न कोई सहेली थी
सुन्दर से एक बालक, का पुतला बना कर के
फिर जान उसमें डाली, अमृत को छिड़क कर के
आईं हजार खुशियाँ, आँचल में सिमट कर के
इतने जतन किये, यह लाल मैंने पाया 
पर आपके गुस्से ने, बेटे का सुख छिनाया

शिव ने बुला गुणों को, यह आज्ञा सुनाई
बेटे से मुंह को मोड़े, जो सो रही हो माई
जल्दी से जाकर उसका, तुम शीश काट लाओ
बीते न एक पल भी, देरी नहीं लगाओ
पल भी न बीत पाया, गण लौट कर के आये
हथनी के एक बच्चे का, शीश काट लाये

बालक के धड़ से शिव ने, गज शीश को लगाया
डमरू बजाके शिव ने, ऐसी दिखाई माया
ऊँगली से छिड़का अमृत, बालक में जान आई
सुत को गले लगाके, माँ गौरा मुस्कुराई
वो ज्ञान से बुद्धि से, गणराज हो गए
याने वो ही "पदम्" के, सरताज हो गए

-: इति :-


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Lo Bachalo Meri Laaj

 ------तर्ज:- नज़्म ------

------ || द्रौपदी की पुकार ||------

लो बचालो मेरी लाज भैया, तेरी बहना लुटी जा रही है,
यह दुशाशन के हाथों कन्हैया मेरी साड़ी खींची जा रही है ||

सभा के मध्य जो गर्दन झुकाए बैठे हैं
माल धन धाम सभी कुछ लुटाये बैठे हैं
जाने ऐसी भी क्या लगन लगी हुयी मेरे पति को
जुए की बाजी में वो हार गए द्रौपदी को
यह न सोचा की अंजाम इसका क्या होगा
सभा में नग्न जो होगी तो उसका क्या होगा
अगरचे आज मेरी आबरू लुट जाएगी
इसकी बदनामी कन्हैया के सर पे आएगी

नीच पापी की नियत में फितूर आया है
तभी तो आज दुशाशन ने जुल्म ढाया है
हमारे स्वामी तो योद्धा हैं शान वाले हैं
क्यों आज इनकी जुबानों पे पड़े ताले हैं
तुम्ही थे मीरा के ह्रदय में समाने वाले
विष के प्याले से थे अमृत को बनाने वाले
भक्त प्रहलाद ने जिस वक्त तुमसे टेर करी
बचाया खंभ से था उस समय न देर करी

खींचते खींचते जिस वक़्त दुशाशन हारा
सोचा द्रौपदी ने की आगया मुरलीवाला
सभा में मान दुशाशन को घटाया तुमने
बचाई लाज को और चीर बढ़ाया तुमने
जिसने विपता में श्री श्याम को पुकारा है
उसने तूफ़ान में भी पा लिया किनारा है
मुरली वाला है, दयालु है, शान वाला है
"पदम्" की वो ही तो बिगड़ी बनाने वाला है

जिसने मोहन का गुणगान गया उसकी बिगड़ी बनी जा रही है 

-: इति :-


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Saturday, September 8, 2018

Meri Laaj Rakho Krishna

 ------ तर्ज:- रंग रंग के फूल खिले मोहे भाये कोई ------
------ फिल्म:- आन मिलो सजना ------

अंग भंग करे नीच दुशाशन द्रौपदी करे प्रार्थना,
मेरी लाज राखो कृष्णा - 2

मेरी बाजी जुये में लगायी है,
मेरी इज्जत की किश्ती डुबाई है,
पाँचों पांडव भी बैठे हैं सामने,
मेरे स्वामी ने गर्दन झुकाई है,
पापी हमारी करे खुआरी, आये इसे लाज ना || मेरी ||

यह रचाया हुआ एक जाल था,
कौरवों की नियत में मलाल था,
तेरी द्रौपदी की अस्मत से खेलना,
इस तरह से दुशाशन का ख्याल था,
भैया हमारे नैना हारे रो रो करूं वंदना || मेरी ||

थक गए हाथ जब बईमान के,
जो कि दुश्मन थे द्रौपदी की शान के,
"पदम्" श्याम दीनों के नाथ हैं,
टुकड़े टुकड़े किये अभिमान के,
धीर बंधाया चीर बढ़ाया, पूरी हुयी कामना || मेरी ||

-: इति :- 


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Shyam Yaad Rakhoge Ya Bhul Jaoge

------ तर्ज:- पिया याद रखोगे या भूल जाओगे ------

तू मुरली न बजाना, राधा को न तड़पाना,
यह सखियों का नजराना,
श्याम याद रखोगे या भूल जाओगे ||

पनघट पे वह मुरली बजाये, सखियों को वह खूब सताए,
श्याम मेरी मटकी को फोड़े है, बैयाँ वह मेरी मरोड़े है,
तू इतना न सताना अब और न तरसाना,
यह सखियों का नजराना || श्याम ||

ग्वालों के साथ रास रचाए, भक्तों की वह बिगड़ी बनाये,
ध्यान उनके चरणों में लागा  है, ज्ञान मेरे ह्रदय में जागा है,
बिगड़ी मेरी बनाना यह "पदम्" का फ़साना,
यह सखियों का नजराना || श्याम ||

-: इति :- 


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Boli Vasudev Se Devki

------ तर्ज:- कव्वाली ----
तर्ज़:- मेरे रश्के कवर,तूने पहली नज़र,
जब नज़र से मिलाई मज़ा आ गया ।।
------ || कृष्ण जन्म || ------

बोली वसुदेव से देवकी इस तरह
आज जन्में हैं कान्हा गजब हो गया

सुनके वसुदेव जी मन में घबरा गये
आंसू जब देवकी माँ के भी आ गए
कृष्ण बोले मैं अवतार हूँ राम का
उनके दर्शन दिखाना गजब हो गया

मुझको गोकुल में तुम छोड़ आओ अभी
कंस को यह खबर हो न जाये कहीं
कट गईं बेड़ियां जेल के पट खुले
ऐसी माया रचाना गजब हो गया

कृष्ण को सूप में रख के चलने लगे
बिजली चमकी और बादल गरजने लगे
मस्त भादों महीने की थी अष्टमी
राह जमुना से जाना गजब हो गया

पानी जमुना को देखा जो बड़ता हुआ
देख वसुदेव ने सूप ऊंचा किया
यमुना हरी के चरण छूना चाहती थी यूं
पाँव नीचे बढ़ाना गजब हो गया

धीर मन को हुआ पहुंचे नन्द भवन
लेके कन्या चले छोड़ा अपना ललन
सारी गोकुल में छायीं है खुशियाँ "पदम्"
आज जन्मे हैं ललना गजब हो गया

काट दूं प्रथम यदि हानि है किसी डाल से
देवकी को मार दूं यदि भय है उसके लाल से
क्यों व्यर्थ मारने को मुझे लाल हो गया
गोकुल में देख पैदा तेरा काल हो गया

पाप जब हठ पे होता है तभी अवतार होता है
इसी अवतार से भक्तों का बेड़ा पार होता है
सुमरते हैं जो मुझको उन पर मेरा प्यार होता है
न रहती पाप की सीमा तभी अवतार होता है

-: इति :-



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