Friday, November 11, 2022

Kartik mahina bada hi pavan

    तर्ज़:- स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा 

   फिल्म:- घर द्वार 

                 ** कार्तिक भजन ** 

    कार्तिक महीना बड़ा ही पावन,महिमा बड़ी महान 

    स्वर्ग छोड़ कर धरा पे आए,श्री विष्णु भगवान 

    चलो रे चलो दर्शन करलो

    मुरादों से झोली भरलो ।। 



(1) जो जन कार्तिक मासे,सरिता जल बीच नहाए 

      गंगा जमुना सरस्वती ,स्नान का फल वह पाए 

      राधे कृष्ण का चिंतन करलो

      कह गए वेद पुराण।।चलो रे चलो दर्शन करलो।।

(2)मध्य महीने पूजन,लक्ष्मी जी की फल दाई। 

    सालिगराम और तुलसीजीने,व्याह की रीत निभाई 

    तुलसी पूजन कर परिक्रमा,

    हो जाए कल्याण।। चलो रे चलो दर्शन करलो।।

(3) हरे गन्ने का मंडप,हरी के मन अति भाते है

    पूनम को विष्णु जी, वेकुठ चले जाते है 

    हरी चरणों में प्रीत लगाले,

    भली करें भगवान ।।चलो रे चलो दर्शन करलो।।

(4) कार्तिक मास की पूनम,स्नान दान कर प्राणी 

      भव सागर तर जाए,यह कह गए ज्ञानी ध्यानी 

     श्री लड्डू गोपाल का निस दिन 

     "पदम"करे गुणगान।।चलो रे चलो दर्शन करलो।।

                            !!इति!!












   

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Wednesday, November 2, 2022

Ambe jagdambe aaye tumhri duariya

     तर्ज़:- उज्जैन के राजा,करो कृपा नजरिया........

दोहा:- बाबा बाबा सब कहे,माई कहे ना कोय

         बाबा के दरबार में, माई करे  सो होय 

              *महा काली भजन*

    अम्बे जगदम्बे आए तुम्हरी दुअरिया,

    दर से ना  टालना रे ।। ओ माता रानी ।।

    काली महा काली लेलो हमरी खबरिया ,

    दर से ना टालना रे ।। ओ माता रानी ।।

(1) महिषासुर दानव बल शाली 

     दुर्गा से बन गई,माता महाकाली -2

     दुष्ट जनों को मैया संघारो

     भक्तों को तारना रे ।। ओ माता रानी ।।

(2) रण में चली मां लेके दुधारी 

     लट बिखराये करे सिंघा सबारी -2

    शुंभनिशुंभ जो लड़ने को आये

    रण में पछाड़ना रे ।। ओ माता रानी ।।

(3) हाथों में खप्पर नेनो में ज्वाला

     पहने गले में मुण्डों की माला -2

    क्रोध की अग्नि शीतल भई जब 

    शिवजी का सामना रे ।। ओ माता रानी ।।

4)"पदम"हे मां के दर का भिखारी 

    मैया हरो हर विपता हमारी -2 

    करुणामयी माँ थोड़ी सी ममता 

   झोली में डालना रे ।।.ओ माता रानी ।।

                      **इति **


   















 

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Friday, September 2, 2022

Riddhi siddhi ke data kripa nazariya

  

    तर्ज़:- उज्जैन के राजा करो कृपा नजरिया........                                   ।। दोहा ।।

  ज्ञान गणपति दीजिए,साहस भी दो परवाज़ का । 

 काम हो जाए सफल ,जो भजन करे गणराज का ।।

                   // श्री गणेश जी का भजन//

    रिद्धि सिद्धि के दाता, कृपा नज़रिया,

    भक्तों पे डालना रे।।ओ गणपति देवा ।।

    बुद्धि विधाता करो कृपा नज़रिया,

    भक्तों पे डालना रे ।।ओ गणपति देवा ।।

(1) पार्वती के प्राणों से प्यारे 

     भोले शिव के तुम दुलारे-2


     भादों चतुर्थी को जन्म लिया है 

     झूले है पालना रे ।। ओ गणपति देवा ।।

(2) मूषे पर बेठे है गणेशा

     प्रथम सुमर कटे विघ्न कलेशा -2

     दया नजर अब कर के हमारे,

     संकट भी टालना रे ।।ओ गणपति देवा ।।

(3) आपकी पूजा भगति न जानूँ

     कैसे मिलेगी मुक्ति ना जानू -2

   " पदम"शरण मे हे भटक न जाये,

    तुम ही सम्हालना ये ।।ओ गणपति देवा ।।

                           //इति//




 


  

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Thursday, September 1, 2022

Hartalika teej aai re, shiv ki puja rachai re

   तर्ज़:-सावन की बरसे बदरिया,मां की भीगे...

             *  हर तालिका तीज का भजन *

    हरतालिका तीज आई रे 

    शिव की पूजा रचाई रे

    पूजा रचाई शिव की पुजा रचाई रे

    चरनन लगन लगाई रे ।।शिव की पूजा ।।

(1) चुन चुन फूल फुलेरा बनायो

     आसन शिव गौरा को लगायो

     पूजा थाल सजाई रे ।। शिव की पूजा  ।।

(2) तीजे का ब्रत बहुत कठिन है 

     निराहार शिव की पूजन है

    ज्योत अखण्ड जलाई रे ।।शिव की पूजा ।।

(3) पार्वती ने यह ब्रत कीना

    अन्न ओर जल सब तज दीना

    शिव को जाए बिहाई रे ।। शिव की पूजा ।।

(4)मन चाहा घर वर मिल जाये

     धन और धान्य पति सुख पाये

    "पदम्"अशीष लुटाई रे ।।शिव की पूजा।।

    हरतालिका तीज आई रे ।

    शिव की पूजा रचाई रे ।।


                        // इति//

                        ।।  इति ।।

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Sunday, July 24, 2022

Salkan pur ki maiya,tum so koi naiya


     सलकन पुर की मैया,तुम सो कोई नैया

(1)सलकनपुर को नाम बड़ो है,

     ऊंचे पर्वत भुवन बनो है,

     पीपल की ठंडी छाया ।।तुम सो कोई नैया ।।

(2) गणपति को द्वारे बेठारों,

     शिव शंकर करे ध्यान तुम्हारो

      गौरा लेत बलैया ।।तुम सो कोई नैया ।।

(3)हनुमत लाल ध्वजा फहराये

    भैरों भैरवी नाचे गाये,

    खेलत छील बिलैया ।।तुम सो कोई नया ।।

(4)मैया सबकी झोली भरती,

    मन की आशा पूरी करती,

   'पदम्' ,पड़े तोरे पैया ।।तुम सो कोई नैया ।।

                    // इति //

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