Wednesday, January 10, 2018

Kehte Hain Chaar Din Ki Teri Hai Zindagaani

तर्ज :- भारत की है कहानी, सदियों से है पुरानी
  (महाभारत टी. वी सीरियल)

भव सागर का रूप हैं यह सारा संसार,
पाप डुबोये भँवर में धर्म उतारे पार,
आइये श्री राम के चरणों में शत शत करें वंदन,
करें वंदन करें वंदन करें वंदन,
श्री राम को सुमरले मोह माया तज के प्राणी,
कहते हैं चार दिन की तेरी हैं जिन्दगानी ।। सिया रामा -3।।

क्या सोचता है मन में आ राम की शरण में,
सब यार हैं मतलब के दुनिया है आनी जानी ।। कहते ।।

चौरासी का सफर है पल की नहीं खबर है,
जीवन का मूल क्या है एक बुलबुला है पानी ।। कहते ।।

यह राम जन्म भूमि जन जन की कर्म भूमि,
मन्दिर वहीं बनेगा हमने भी दिल में ठानी ।। कहते ।।

विनती है यह 'पदम’ की नहीं चाह माल धन की,
दीदार तेरा पाऊं हो जाये मेहेरबानी ।। कहते ।।

-: इति :-



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