Wednesday, April 25, 2018

Maiya Mujhe Mili Pahadiya Mein

मैया मुझे मिली पहड़िया में - 2
लांगुरिया नाचे दुअरिया में ||

पर्वत के भीतर गुफा है सुहानी,
जाकर के बैठी गुफा में भवानी,
जयकार हो रही अटरिया में - 2 || मन ||

लाल लाल मेहँदी है लाल लाल विदिया,
लाल लाल मुखड़े पे लालइ चुनरिया,
गोटा जड़े है चुनरिया में  - 2 || मन ||

हाथों में चूड़ियां हैं पांव पैजनिया,
कानों में बाली, कमर कर्धनियां,
हीरा जड़े है मुन्दरिया में  - 2 || मन ||

मैया मिली है तो ममता मिली है,
अब कोई आशा "पदम्" को नहीं है,
गुणगान गाऊँ मड़ुलिया में  - 2 || मन ||

-: इति :- 



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