------ तर्ज:- पिया याद रखोगे या भूल जाओगे ------
तू मुरली न बजाना, राधा को न तड़पाना,
यह सखियों का नजराना,
श्याम याद रखोगे या भूल जाओगे ||
पनघट पे वह मुरली बजाये, सखियों को वह खूब सताए,
श्याम मेरी मटकी को फोड़े है, बैयाँ वह मेरी मरोड़े है,
तू इतना न सताना अब और न तरसाना,
यह सखियों का नजराना || श्याम ||
ग्वालों के साथ रास रचाए, भक्तों की वह बिगड़ी बनाये,
ध्यान उनके चरणों में लागा है, ज्ञान मेरे ह्रदय में जागा है,
बिगड़ी मेरी बनाना यह "पदम्" का फ़साना,
यह सखियों का नजराना || श्याम ||
-: इति :-
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