----- तर्ज़:-मेरे रशके कँवर तूने पहली नज़र -----
!!भजन!!
शिव के प्यारे गणेश,काटो बिघ्न क्लेश,
मेरे अंगना पधारो,में तर जाऊंगा।।
एक दया की नज़र,आप करदो इधर,
मेरी बिगड़ी सुधारो, में तर जाऊंगा।।
(१)रिद्धि सिद्धि के दाता कहें आपको,
ज्ञान बुद्धि बिधाता कहें आपको।
करके मूषे सबारी चले आइये,
मेरा नर तन सबारो में तर जाऊंगा।।
(२)चार मोदक के लड्डू चढ़ाये तुम्हें,
सारे देवों से पहले मनाएं तुम्हें।
नाम सिमरन करें,शीश चरनन धरें,
पार भव से उतारो,में तर जाऊंगा।।
(३)आपके दर पे जो भी सबाली गया,
आज तक कोई दर से न खाली गया।
में हूं पापी अधम,है शरण मे "पदम"
गीत मेरे निहारो,में तर जाऊंगा।।
।।इति।।
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