------ तर्ज:- हुरिया में उड़े रे गुलाल ------
मड़िया पे उड़े रे निशान,
भुवन बड़ा सोणा लंगदा ।।
ज्योत बाली माता अम्बे, शेर पे बैठी माँ जगदम्बे,
सब का करे कल्याण ।। भुवन ।।
तू ही दुर्गा, तू ही काली, लाल चुनरिया गोटा बाली,
महिमा बड़ी महान ।। भुवन ।।
नौ दिन माँ की ज्योत जालाई, श्रद्धा भाव से भेंट चढ़ाई,
रहा चरणों विच ध्यान ।। भुवन ।।
दाती जब देने पे आये, झोली भी छोटी पड़ जाए,
"पदम" करे गुणगान ।। भुवन ।।
-: इति :-
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