Thursday, March 1, 2018

Tu hi Ambe Kaali Hai Mata Jagdambe

तर्ज :- बड़ी मस्तानी है मेरी महबूबा
फिल्म:- जीने की राह

गर्दन में डाले है मुंडों के हार,
चली आ रही है वह सिंह पे सवार,
बड़ी शान वाली है, माता जगदम्बे,
तू ही अम्बे काली है, माता जगदम्बे ||

वह  है काली ऐसी माया उसकी जहाँ से निराली,
माता तेरे दर से खाली न जाए कोई सवाली,
असुरों को मारा है वह ही खप्पर वाली है || माता ||

जय हो दुर्गे माता तुमको कहते हैं माता भवानी,
सांचा है यह द्वार जग में उनका, नहीं कोई शानी,
जग से वह न्यारी है, वह कलकत्ते वाली है || माता ||

आपने जहाँ में शान दुष्टों की आकर घटाई,
आपने सभा में लाज हरदम "पदम्" की बचाई,
देवी ने गर्दन में मुंडमाला डाली है || माता ||

-: इति :- 


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