------ तर्ज :- सुमरत बोल हमारे हो ------
हनुमत राम द्वारे हो बिराजे सदा - 2 ||
लालई सोटा लाल लंगोटा,
लालई चोला तुम्हारे हो || बिराजे सदा ||
मंगल भवन अमंगल हारी,
मंगल को दुःख टारे हो || बिराजे सदा ||
लछमन के लिए लाये संजीवन,
राम के काज सँवारे हो || बिराजे सदा ||
धुप कपूर की आरती होवे,
संजा और सकारे हो || बिराजे सदा ||
दादा छींद गाँव के बन गये ,
"पदम्" करे जयकारे हो || बिराजे सदा ||
पूरब दिशा भोलेनाथ बिराजे,
शंकर डमरू बारे हो || बिराजे सदा ||
-: इति :-
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