Wednesday, November 2, 2022

Ambe jagdambe aaye tumhri duariya

     तर्ज़:- उज्जैन के राजा,करो कृपा नजरिया........

दोहा:- बाबा बाबा सब कहे,माई कहे ना कोय

         बाबा के दरबार में, माई करे  सो होय 

              *महा काली भजन*

    अम्बे जगदम्बे आए तुम्हरी दुअरिया,

    दर से ना  टालना रे ।। ओ माता रानी ।।

    काली महा काली लेलो हमरी खबरिया ,

    दर से ना टालना रे ।। ओ माता रानी ।।

(1) महिषासुर दानव बल शाली 

     दुर्गा से बन गई,माता महाकाली -2

     दुष्ट जनों को मैया संघारो

     भक्तों को तारना रे ।। ओ माता रानी ।।

(2) रण में चली मां लेके दुधारी 

     लट बिखराये करे सिंघा सबारी -2

    शुंभनिशुंभ जो लड़ने को आये

    रण में पछाड़ना रे ।। ओ माता रानी ।।

(3) हाथों में खप्पर नेनो में ज्वाला

     पहने गले में मुण्डों की माला -2

    क्रोध की अग्नि शीतल भई जब 

    शिवजी का सामना रे ।। ओ माता रानी ।।

4)"पदम"हे मां के दर का भिखारी 

    मैया हरो हर विपता हमारी -2 

    करुणामयी माँ थोड़ी सी ममता 

   झोली में डालना रे ।।.ओ माता रानी ।।

                      **इति **


   















 

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