Wednesday, April 5, 2017

Bhaiya pukare he behna tumhar

तर्ज - बड़ी मस्तानी है मेरी महबूबा
फिल्म - जीने की राह

भैया पुकारे है बहना तुम्हार,
बिगड़ी बनादो ए कृष्ण मुरार,
खींचे  मेरी साड़ी है, आओ बनवारी । । 
करत उधारी है, आओ बनवारी     । । 

नीच यह दुशाशन चीर खींचे सभा में हमारा,
श्याम के बिना तो कोई दीखे नहीं है किनारा,
तूफां ने  घेरी  है नैया अब हमारी है            । । आओ । ।

यह पति हमारे आज बाजी जुए में हैं हारे,
आ पड़ी है विपता नार, अबला है तेरे सहारे,
पापी के हाथों से होत उधारी है                  । । आओ । ।

चीर को दुशासन खींचते खींचते हाय हारा,
सोचा द्रौपदी ने आ गया है मेरा मुरली वाला,
द्रौपदी की लाज रखी "पदम्" उचारी है     । । आओ । ।



-: इति :-
Share:

0 comments:

Post a Comment

Contributors