------ तर्ज:- मेरे रश्के कँवर ------
शिव के प्यारे गणेश, काटो विघन कलेश |
मेरे अंगना पधारो मैं तर जाऊंगा ||
इक दया की नजर आप करदो इधर |
मेरी बिगड़ी सुधारो मैं तर जाऊंगा ||
रिद्धि सिद्धि के दाता कहें आपको |
ज्ञान बुद्धि विधाता कहें आपको ||
कर के मूषे सबारी चले आइये |
मेरा नर तन सँवारो, मैं तर जाऊंगा ||
चार मौदक के लड्डू चढ़ायें तुम्हें |
सारे देवों से पहले मनायें तुम्हें ||
नाम सुमरन करें शीश चरनन धरें ||
पार भव से उतारो मैं तर जाऊंगा ||
आपके दर पे जो भी सवाली गया |
आज तक कोई दर से न खाली गया ||
मैं हूँ पापी अधम, है शरण में "पदम्" |
गीत मेरे निहारो, मैं तर जाऊंगा ||
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