----- तर्ज :- तुम जो चले गए तो होगी बड़ी -----
कान्हा जो मिल गये तो, मिल जायें खुशियां सारी,
तुम्हें हृदय में बिठालूं, कहती है राधिका प्यारी ।।
मेरे दिल का चैन लूटा तिरछी नजर मिलाके ,
तन मन की सुधि बिसारी मुरली मधुर बजाके,
तन मन की सुधि बिसारी मुरली मधुर बजाके,
कान्हा नहीं मिले तो रहती है वे करारी ।। तुम्हें ।।
पनिया भरन गई थी मिले राह में मुरारी,
मेरी बैयां ऐसी पकड़ी, गगरिया फोड़ डारी,
कर दूंगी मैं शिकायत मैया से जा तुम्हारी ।। तुम्हें ।।
अनमोल है यह जीवन नेकी का काम करले,
कहते हैं "पदम" ज्ञानी राधे का नाम भजले,
कारी कमरिया ओढ़े आ जायेंगे बिहारी ।। तुम्हें ।।
-: इति :-
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